That best old house
आज एक शहर में कुछ पल बीताने का समय मिला। काफी देर तक सड़को पर यूँही चलता रहा। फिर एक पुराना सा मकान दिख गया। थोड़ा थक गया था, सोचा कुछ देर रूक कर आराम कर लेता हूँ। तभी एक पत्थर के बने हुए बेंच पर मेरी नज़र पड़ी। और फिर मेरे कदम उस मकान की तरफ उठ गए। जब बेंच पर बैठा तो कुछ अजीब से सोच ने मुझे आ घेरा। मैं चारों तरफ देखते हुए सोचने लगा की कभी ये घर भी नया होगा। कितने ही दिन और रात को प्लान करते हुए इसे बनाया होगा। घर में रहने वाले हर इन्सान को कोई ऐसी जगह मिली होगी जहाँ उसे अच्छा लगता होगा।
कितनी ही शामें और सुबहों के यह मकान गवाह बना होगा। कुछ अच्छी बातें हुयीं होगी तो कभी ख़राब समय भी आया होगा। मकान में रहने वाले लोगों के बीच में हुए झगड़ो और गुस्से में कही गयी बातें। कभी इस मकान को दुल्हन की तरह सजाया और संवारा गया होगा। कितने ही खुबसूरत कहानियां बनी होंगी। मकान गन्दा न हो इसलिए कई सारे नौकर भी रहे होंगें जो उस को साफ – सुथरा रखने की कोशिश करते होंगें। मकान का मालिक उसे नयी दुल्हन को जैसे प्यार करते हैं उस तरह से उसका ध्यान रखता होगा। पर आज यह मकान खुद में ही कही खो गयी है।
जैसे बीते हुए दिनों की कहानी कह रही हो पर अब वहां कौन है उसको सुनने वाला, लोग अपनी कहानियों से परेशां हैं। कौन समझेगा उसकी कहानी। मकड़ियों के जाले, जंगल की तरह बढ़े हुए घास और दुसरे पौधें। पेड़ों से गिरे हुए सूखे पत्ते।
और फिर मेरा ख्याल ज़िन्दगी के रिश्तों की तरफ चला गया। लोग नए रिश्ते बनातें है। कुछ दिनों तक उसको हर रोज़ उसे प्यार से सिचतें हैं। पर फिर वह रिश्ता उस मकान की तरह पुराना होने लगता है और हम धीरे – धीरे उसको प्यार से सीचना छोड़ देते हैं। फिर एक दिन पता चलता है की जैसे वह रिश्ता जो बहुत मजबूत था अब खोखला हो गया है। और फिर वह गिर भी जाता है। कभी – कभी तो उसके गिरने का एहसास ही नहीं होता है।
— Sahil Hasan
That best old house in English
Today, I had some time to spend in a city. I wandered aimlessly on the streets for quite a while. Then I spotted an old house. Feeling a bit tired, I thought I would take a moment to rest. Just then, my eyes fell on a stone bench. My steps then led me towards the house. As I sat on the bench, strange thoughts began to envelop me. I started to think about how this house must have once been new. Many days and nights must have been planned to build it. Every person living in the house must have found a place they liked.
This house must have witnessed countless evenings and mornings. There must have been good times, but also bad times. Arguments and harsh words exchanged among the people living in the house. At times, this house must have been adorned and decorated like a bride. Many beautiful stories must have been created here. To keep the house clean, there must have been many servants trying to maintain its tidiness. The owner must have cared for it like one loves a new bride. But today, this house seems lost within itself.
It feels like it is telling the story of days gone by, but now who is there to listen? People are troubled by their own stories. Who will understand its tale? Cobwebs, grass grown wild like a jungle, and other plants. Dried leaves fallen from the trees.
Then my thoughts turned to the relationships in life. People form new relationships. For a few days, they nurture them with love every day. But then that relationship begins to age like the house, and gradually, we stop caring for it lovingly. One day, we realize that what was once a strong relationship has now become hollow. And then it collapses. Sometimes, we don’t even feel its fall.
— Sahil Hasan