Tum Mujhse Ye Puchha Karti Thi । Dedicated to that girl । Anwarul Hasan

Tum Mujhse Ye Puchha Karti thi

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Tum Mujhse Ye Puchha Karti Thi

तुम मुझसे ये पूछा करती थी
मैं क्यों अकेले मुस्कुराता हूँ
वैसे तो मैं तन्हां रहता हूँ
तन्हां रह कर क्या करता हूँ
अकेले मैं किससे बातें करता हूँ
क्या कभी मेरी याद नहीं आती
क्या मैं कोई ख्वाब नहीं दिखलाती
क्या मेरी बातें चुपके से
तुम्हारे कानों में नहीं पड़ते
मैं बस चुप रह जाता
मैं तुमको ये कैसे बतलाता
तुम्हारी यादें, तुम्हारे ख्वाब, तुम्हारी बातें
बस यही तो सहारा है
मेरी डूबती हुयी कश्ती का किनारा है।

Tum Mujhse Ye Puchha

Tum Mujhse Ye Puchha | Tum Mujhse Ye Puchha | Tum Mujhse Ye Puchha

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