सुनहरे बालों वाली लड़की । That golden hair girl । Sahil Hasan

That golden hair girl

सन्डे के एक खुबसूरत सुबह को मैं लॉस एंजिल्स मेट्रो स्टेशन पर बैठा था जब मेरी नज़र उस सुनहरे बालों वाली लड़की पर पड़ा। न जाने क्यों उसका चेहरा कुछ अपना – सा लगा। कुछ बात थी उसके चेहरे में, मासूमियत भरा चेहरा। ऐसा चेहरा इस जगह पर मिलना काफी मुश्किल है। मुझे अपने इंडिया की याद आ गयी। मसूरी में बिताये एक शाम की याद आ गयी जब मैं पहाड़ो पर बैठा शाम को सूरज की लाल किरणों का मज़ा ले रहा था, जब ऐसे ही एक चेहरे को देखा था।

आप कभी पहाड़ों पर बैठकर शाम के समय सूरज की किरणों को देखना, बहुत ही ख़ूबसूरत मंज़र लगता है या फिर बड़े – बड़े देवदार के पेड़ों के बीच से आती हुयी रौशनी को देखना एकदम ही सब कुछ खिला – खिला लगता है। मैं तो अक्सर इस खूबसूरती में खो जाता हूँ।

कभी – कभी लगता है कि जैसे इन पहाड़ों से मेरा रिश्ता जन्मों का है। वहां अकेला होते हुए भी लगता है जैसे भीड़ है। जब कभी चिराग दिल्ली के उस भीड़ भरे रास्ते की याद आती है जहाँ इतना भीड़ है कि पैदल तक निकलना मुश्किल हो जाता है या फिर पुरानी दिल्ली की भीड़, पर उस भीड़ में भी लगता है जैसे इन्सान तन्हां है और इन पहाड़ों पर खड़े इन पेड़ों से लगता है जैसे बड़ा गहरा रिश्ता है।

पता ही नहीं चलता कब सुबह हुआ, कब दोपहर और कितनी जल्दी शाम हो गयी। मैं जब भी ऐसी जगहों पर जाता हूँ, अपना फ़ोन घर पर ही छोड़ देता हूँ, सिर्फ कैमरा साथ होता है। सॉरी, मैं थोड़ा लीक से हट गया दुबरा उस वाकया पर आते हैं।

मैं सोचने लगा शायद ये वही लड़की हो। पर ये जानने के लिए की वो कभी इंडिया गयी है या नहीं, मुझे पूछना था। मैं कुछ देर तक सोचता रहा और फिर मैं उसके करीब चला गया। मैं उसकी नज़र को अपनी तरफ करने के लिए बोला, “हाय! क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ?”
उसने मेरी तरफ एक सरसरी नज़र डालते हुए बोली, “हाँ! प्लीज बैठिये।”
मैं उसपर एक नज़र डालकर बैठ गया। थोड़ी देर तक इधर – उधर देखता रहा फिर मैंने पूछा, “क्या आप कभी इंडिया गयी हो?”

वो मुझे घूरकर देखने लगी। मुझे तुरंत ये एहसास हो गया कि हम एक – दुसरे के लिए अजनबी हैं। तुरंत मैंने सॉरी कहा और मैं उसे अपने बारे में बताने लगा, “मैं इंडिया से हूँ, और मुझे ऐसा लगा की मैंने आपको इंडिया में देखा है। इसलिए मैं पूछा की क्या आप इंडिया गयी हैं?”
वह ये बात सुनकर बोली, “ओह! ऐसी। हाँ मैं इंडिया गयी हूँ।”
मैं जल्दी से बोला, “मैंने आपको मसूरी में भट्टा फॉल्स के पास देखा था पहाड़ों पर। क्या आप मसूरी गयी हैं?”
“हाँ! मैं भट्टा फॉल्स देखी हूँ।” वह बोली।

ये सचमुच में एक अलग ही बात थी। मुझे नहीं पता था की ऐसा भी हो सकता है कि वहां देखे उस लड़की को फिर से देखूंगा। मुझे उसका चेहरा याद था क्योंकि वो काफी अलग दिखती थी उन सुनहरे बालों में। एक अजीब सा अपनापन। इस दुनिया में बहुत ही कम चेहरे होतें हैं जिसको देखकर अपनापन लगता है।
फिर मैं बोला, “ये तो सचमुच मेरे लिए एक अलग बात है की इंडिया में आपको देखा और फिर यहाँ देख रहा हूँ।”
उस लड़की ने मेरे चेहरे पर लिखे उस सच्चाई को पढ़ ली और समझ गयी की ये सिर्फ एक अनजाने ख़ुशी की बात थी कोई मजाक या फिर कोई फरेब नहीं था।

फिर हमने बहुत सारी बातें की इंडिया के बारे में और अमेरिका के बारे में। एक बात जो मुझे उसकी याद है, उसने कहा था, “हम सभी खुशियों भरी ज़िन्दगी जीना चाहते हैं और हमें चाहना भी चाहिए, पर क्या हम कभी किसी दुसरे को उसी तरह की ख़ुशी दे पाते है? हमें चाहिए एक ऐसा रास्ता जिसमें कोई कांटे न हो, पर हम दूसरों के रास्तों में कई बार कांटे बिछा रहे होते हैं।

हम दोनों ने तीन घंटे साथ बिताये जिसमें हमने वाल्ट डिज्नी कॉन्सर्ट हॉल और द गेट्टी देखे। फिर हमने साथ में लंच किया और एक दुसरे को अलविदा कहे। उसने मुझे अपना फ़ोन नंबर भी दिया। मैंने सोचा की कभी कॉल करूँगा, लेकिन मुझे इंडिया आना था और न जाने क्यों दुबारा अमेरिका नहीं जाना चाहता था इसलिए भी मैंने उसे कभी कॉल नहीं किया। आज चौबीस सितम्बर को जब मैं ऑफिस से अपने फ्लैट पर आया तो मुझे ये बात याद आ गयी। कभी – कभी इस दुनिया में कुछ ऐसे इन्सान भी मिलते हैं जिनसे कोई रिश्ता न होते हुए भी एक लगाव महसूस होता है। शायद ये इसलिए भी होता है की आप दिल और दिमाग दोनों तरह से अच्छे होते हैं। आप सभी का भला सोचते हैं और अपनों के साथ पूरा ईमानदार होते हैं।

हम इस दुनिया में रहते हुए न जाने कितने ही लोगों से मिलते हैं, कभी सफ़र में तो कभी किसी जगह और इनमें से बहुत कम ही कोई होते हैं जो हमें याद रह जाते हैं। सभी लोग अच्छे होते है और अपनी कहानी में सच्चे भी होते हैं या कोशिश करते हैं सच्चे बने रहने की, ये दूसरों की नजरिया होती है जो किसी को गलत तो किसी को सही कहता है।

Writer: Sahil Hasan

That golden hair girl

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