त्रिया चरित्र (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद
Hindi KahaniyaTriya Charitra (Hindi Story) : Munshi Premchand 1 सेठ लगनदास जी के जीवन की बगिया फलहीन थी। कोई ऐसा मानवीय, […]
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Triya Charitra (Hindi Story) : Munshi Premchand 1 सेठ लगनदास जी के जीवन की बगिया फलहीन थी। कोई ऐसा मानवीय, […]
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जोखू ने लोटा मुँह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आई। गंगी से बोला- यह कैसा पानी है? मारे
Thakur Ka Kuan | ठाकुर का कुआँ | Munshi Premchand Read Post »
रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद ईद आई है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है। वृक्षों पर अजीब हरियाली
Eidgah | ईदगाह | Munshi Premchand Read Post »
जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वर-प्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका
Namak Ka Darogha | नमक का दारोग़ा | Munshi Premchand Read Post »
एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और
Kafan | कफ़न | Munshi Premchand Read Post »