Triya Charitra

त्रिया चरित्र (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद

Triya Charitra (Hindi Story) : Munshi Premchand 1 सेठ लगनदास जी के जीवन की बगिया फलहीन थी। कोई ऐसा मानवीय, आध्यात्मिक या चिकित्सात्मक प्रयत्न न था जो उन्होंने न किया हो। यों शादी में एक पत्नीव्रत के कायल थे मगर…

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Thakur Ka Kuan | ठाकुर का कुआँ | Munshi Premchand

Thakur Ka Kuan | ठाकुर का कुआँ | Munshi Premchand

जोखू ने लोटा मुँह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आई। गंगी से बोला- यह कैसा पानी है? मारे बास के पिया नहीं जाता। गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाए देती है !गंगी प्रतिदिन शाम…

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Eidgah | ईदगाह | Munshi Premchand

Eidgah | ईदगाह | Munshi Premchand

रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद ईद आई है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक़ है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना…

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Namak Ka Darogha | नमक का दारोग़ा | Munshi Premchand

Namak Ka Darogha | नमक का दारोग़ा | Munshi Premchand

जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वर-प्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार करने लगे। अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का सूत्रपात हुआ, कोई घूस से काम निकालता था, कोई चालाकी से। अधिकारियों…

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Kafan | कफ़न | Munshi Premchand

Kafan | कफ़न | Munshi Premchand

एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने…

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